एचपी सरकार।

शिमलाहिमाचल प्रदेश राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के सदस्य और उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने दावा किया है कि राज्य मानसिक अस्पताल और अन्य अस्पतालों में भर्ती अज्ञात मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के घर के पते का पता लगाने के लिए सरकार तकनीक का उपयोग नहीं कर रही है।

श्रीवास्तव ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में अस्पतालों में आधार कार्ड रीडिंग डिवाइस लगाने और अज्ञात मानसिक रूप से बीमार मरीजों के लिए एक समर्पित पोर्टल शुरू करने की मांग की है.

पत्र में उन्होंने कहा कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, देश में 99% से अधिक वयस्कों के पास आधार कार्ड है।

श्रीवास्तव ने कहा, “यदि डिवाइस राज्य मानसिक अस्पताल और अन्य अस्पतालों में स्थापित किया जाता है जहां मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को भर्ती कराया जाता है, तो उनके परिवारों का पता लगाना आसान होगा।”

उन्होंने कहा, “इससे अस्पताल में भर्ती उन अज्ञात रोगियों को भी मदद मिलेगी, जिन्हें सिर में चोट लगी है, जो कोमा में हैं।”

उन्होंने कहा कि पिछले साल भी उन्होंने सरकार को पत्र लिखा था लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई.

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उमंग फाउंडेशन को समाज के सहयोग से पुलिस के माध्यम से भटक रहे मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को छुड़ाने में सफलता मिली है. ऐसे व्यक्तियों को मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के प्रावधान के तहत बचाया जाता है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में मानसिक रूप से बीमार 54 मरीज राजकीय मानसिक अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि इसकी क्षमता 62 बिस्तरों की है. इनमें से करीब 70 फीसदी अपने घर का पता बताने की स्थिति में नहीं हैं। इसके अलावा राज्य मानसिक अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद क्रमश: सोलन के कुनिहार और मंडी जिले के लुनापानी स्थित हाफवे होम में 23 महिला व 25 पुरुष भर्ती हैं.

एक नया, समर्पित पोर्टल उन कैदियों के पते का पता लगाने में भी मदद करेगा जिनके पास आधार संख्या नहीं है। उन्होंने मुख्य सचिव से मानवाधिकार के इस मामले में संबंधितों को निर्देश जारी करने का आग्रह किया है.

Today News is Srivastava demands to install Adhaar Card reading devices in hospitals i Hop You Like Our Posts So Please Share This Post.


Post a Comment