“बानी ना, াবে াওয়া”
া ি ারেঙ্গী
া ার াা া া া্কাসের াা া ল। -জন ্ছা িনিময় ্যা্তিগত ীবন া লছে। া্কাসের াধা লো , “কেমন লছে মার, লো”। া’ াধা লো, ” লো না, ীষণ ্টে ি, াই . ন ালে মা নিয়ে -ঘর া ্রহ , া নোঙরা া ারি মোট মা িঠে ািয়ে ামা া া ্রহ ারপর ম িয়ে…. া াচতে ল .
া-চোপড় লে মুক নী’র ল া া’ াপড় ার াি িরা।
মুক্তি াবো, ান ! াক্,, ার মার া লো।”
া্কাসের াা ল, “তুমি তো ্যের লোতে া-পাা াও…. মা ীবনটাই া া নিচে. িন ্যাস নমতে ীবন াচ্ছে। াাম নাকি ্ট , াই! Prospect ার া মাথায় মুখ াচ্ছি, লো বছর।”
“संभावना ……তোমার…………সে ী ার !”
“ना, मान…. মা িঠে মি া া া মা মা া্া িন লেছে, ্শকের া া া া ি ন া া া া া া एमी निश ান নেছি।”
মা ীবনটাও ন না মই. া……… া! निंदक ামনা। ন নো ন্ত ন. ামনা নামক ্তুটি ির-যুবা.…… ন ্ধ নি.
सेल नगर, मंकी नगर नगर नगर सीलंदर लसाम नगर सल, सल…. াল লো না….… . িক ন ার্কাসের াধাটির মতো. লে, মাদের া া নোই াখে না ামনা ীবনের িকা মা্র ারণ। , মূলে মা ্ঞতা। া ন্ম ন ‘অস্মিতা’… মিত্ব-বোধ……”ম্যায় ামারা”। ” “অহম্ াম্ মম .” । ্…..আর লই া মার. লেন , ্মিা ী ন্দর ন্ম নল ্া্থপরতা। निनामुम, निरीशक शंखनाद…..निगार…..प्रकृति-श्रृंखला…..
म ারপরে……. না ানা। “শোকস্য া্ ্”… ্তবাক্য ‘ াা লো ার ন্য ী লিখা ………..
……. ী ানি! सिकंदर, अहमदाबाद शहर शहर? ন িছু ীবন ারিয়ে লে। ন ্রাস মাদের? ন াম্য-বস্তু াতের নাালে না- াা ্যন্ত.
া ানে াা্ছে, ামনা িপূর্ণতামানেই…. ান্তির ্রাপ্তি. ামুনি ািত না ্্ট াায় লিখছেনঃ
” ন াতু াম ামানাং ন াম্যতি .
িষা ্ণ ্ত্ম াভিবর্ধতে..।”
……. ্থা মন ্লন্ ন ি লে া নিভানর ায় া, িক মনি িতৃপ্া ামনা া ্া ্া सेंसर
মন মাত্র . , ্যই া ্ঞান া্মে.
“प्रक्षेपण शब्द
মুদ্র্ ্রবিশন্তি ্ .
্ ামা ্িশন্তি ্বে
ান্তিম্ ্নোতি ন ামকামী……. दिगंश योजना। माहन, मुंबई नगर शहर
न्यू-नाला शहर के ब्लॉक से ब्लॉक की तरह काम करता है, शहर के छोटे से शहर के छोटे से छोटे शहर के छोटे से शहर के छोटे से ब्लॉक के छोटे से ब्लॉक के छोटे से ब्लॉक के छोटे से ब्लॉक के छोटे से ब्लॉक के छोटे से ब्लॉक के छोटे से ब्लॉक के ब्लॉक से करते हैं.
মুস্কিল টা হোচ্ছে, এইসব জেনে শুনেও নিত্য-কর্ম, নৈমিত্তিক-কর্ম এবং প্রায়শ্চিত্য-কর্ম কে বাদ দিয়ে আমরা অধিকাংশ ক্ষেত্রেই, বেছে-বেছে, শুধু কাম্য-কর্মগুলি ই করি … ..যার মূলে থাকে সেই কোনো না কোনো পার্থিব কামনা পূরণের আশা। जीएन, पी नगरी सीसा! ি ্করাচার্য লিখছেন……
” ্গং লিতং লিতং ন্ডং ন্ত-বিহীং া ন্ডং ম্িত ন ন্ডং… ..
ি নমুঞ্চতি া ান্ডম্।”।”….. ল ্য না া ারণে ী ্দশা মাদের !
া াা া ল, া া াা া ল, াতে া ঠাা া া ্ াঁপছে …..
शेक्सपियर ায়গায় লছেন, “मैं हमेशा खुश महसूस करता हूँ, तुम्हें पता है क्यों? क्योंकि मुझे किसी से कोई उम्मीद नहीं है। उम्मीदें हमेशा चोट देती हैं।”
“पैराडाइज़ लॉस्ट”, इसे मिल्टन की उत्कृष्ट कृति माना जाता है, और इसने अपने समय के सबसे महान अंग्रेजी कवियों में से एक के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को मजबूत करने में मदद की। कविता मनुष्य के पतन की बाइबिल कहानी की चिंता करती है: आदम और हव्वा का प्रलोभन शैतान द्वारा गिर गया और ईडन गार्डन से उनका निष्कासन।
্া্ ্করাা্ লন, ্া্ া্া লেন… .. া ? া্কা া্া াা’ মতো ািয়েই াকবে…..
निबिली, িন্তু ীবনে মা মনটাও ারে
“বো মচ্ ি, ঔর মচ্ লি ি,
महँगा सिन्दूर ल াড়া া, াী াঁধকে লি ি!”
डॉ रघुपति शारंग, एक प्रसिद्ध होम्योपैथ और मानवतावादी जो लोगों के कारण के लिए जीते हैं। वह आईबीजी न्यूज के संपादक पैनल के सदस्य भी हैं। उनके बहु-क्षेत्रीय अध्ययन और ज्ञान ने कई मोर्चों पर रोशनी दिखाई है।
.
Today News is “জানি না, ফুরাবে কবে এই পথ চাওয়া” i Hop You Like Our Posts So Please Share This Post.
Post a Comment