बहरा विश्वविद्यालय

शिमला: देशभर के प्रकाशकों ने सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत किताबों की खरीद में शिक्षा विभाग पर अनियमितता का आरोप लगाया है.

बुधवार को यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उत्तर मध्य भारत हिंदी प्रकाशन संघ के बैनर तले प्रकाशकों ने पुस्तकों की खरीद पर संदेह व्यक्त करते हुए आरोप लगाया है कि स्कूल पुस्तकालयों के लिए 10 करोड़ रुपये की पुस्तकों की खरीद के लिए निविदाएं उन फर्मों को आवंटित की गई हैं जिनके पास पुस्तकों की खरीद है। संदिग्ध पूर्ववृत्त जो अन्यथा एक कूरियर कंपनी के रूप में पंजीकृत हैं।

उत्तर मध्य भारत हिंदी प्रकाशन संघ के संरक्षक एवं सलाहकार सत्य प्रकाश ने बताया कि उन्होंने 11 जून 2021 को आवेदन के माध्यम से स्कूल पुस्तकालय के लिए पुस्तकों की खरीद के लिए निविदा प्रक्रिया के आवंटन के संबंध में एसएसए, परियोजना कार्यालय से सूचना मांगी थी, लेकिन उन्होंने नहीं किया है. जानकारी प्रदान की।

उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने जून के महीने में शिक्षा सचिव को भी लिखा था और उनसे मिलने की भी कोशिश की थी, लेकिन अभी तक न तो नियुक्ति हुई है और न ही कोई कार्रवाई की गई है.

सत्य प्रकाश ने दावा किया कि यह देश के इतिहास में पहली बार है कि अनियमितताओं को इंगित करने और सबूत प्रदान करने के बावजूद राज्य सरकार आंखें मूंद रही है।

उन्होंने कहा कि देश भर के विभिन्न राज्यों के प्रकाशकों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए बुधवार को देश के किसी भी राज्य की विधानसभा का घेराव किया और मामले की जांच में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की.

उन्होंने कहा कि पुस्तकों की खरीद में हुई अनियमितताओं की भी वे विजिलेंस जांच कराने की मांग करेंगे.

Today News is Publishers allege irregularities in purchase of books by Education Dept i Hop You Like Our Posts So Please Share This Post.


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